Income Tax New Rules 2025:: 💰All inkam text fails sankalan : टैक्स में बड़ी राहत! जानें आपको कितना फायदा मिलेगा💸

 Income Tax New Rules 2025:: 💰All inkam text fails sankalan : टैक्स में बड़ी राहत! जानें आपको कितना फायदा मिलेगा💸

भारत सरकार ने 2025 में आयकर नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना और कर प्रणाली को सरल बनाना है। इन नए नियमों से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को खासा फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए Income Tax Bill, 2025 ने करदाताओं के लिए कई नई छूट और सुविधाएं पेश की हैं। यह लेख आपको इन नए नियमों की पूरी जानकारी देगा, साथ ही बताएगा कि आपको कितना फायदा मिलेगा।

Overview of Income Tax New Rules 2025

💰पहलू

💸विवरण

💰शुरुआत की तारीख

💸अप्रैल 1, 2026

💰न्यूनतम आय सीमा

💸₹4,00,000

💰धिकतम टैक्स रिबेट

💸₹60,000

💰टैक्स फ्री आय सीमा

💸₹12,00,000

💰सैलरी पर स्टैंडर्ड डिडक्शन

💸₹75,000

💰पुरानी कर प्रणाली का विकल्प

उपलब्ध

💰डिजिटल डेटा पर जांच

विस्तारित अधिकार

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Income Tax New Rules Explained

  • 2025 के नए आयकर नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जो करदाताओं के लिए राहत और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं।

टैक्स स्लैब में बदलाव

  • नए नियमों के तहत टैक्स स्लैब को संशोधित किया गया है ताकि निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को अधिक राहत दी जा सके।

    वार्षिक आय (₹)

    💸टैक्स दर (%)

    💰₹0 – ₹4,00,000

    💸NIL

    💰₹4,00,001 – ₹8,00,000

    💸5%

    💰₹8,00,001 – ₹12,00,000

    💸10%

    💰₹12,00,001 – ₹16,00,000

    💸15%

    💰₹16,00,001 – ₹20,00,000

    💸20%

    💰₹20,00,001 – ₹24,00,000

    💸25%

    💰₹24,00,001 से अधिक

    💸30%

टैक्स रिबेट में वृद्धि

  • Section 87A के तहत अब ₹60,000 तक की रिबेट दी जाएगी। इसका मतलब है कि जिनकी आय ₹12 लाख तक है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा।

स्टैंडर्ड डिडक्शन

  • सैलरीड लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है। इससे सैलरीड वर्ग को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

मुख्य लाभ

🔛निम्न और मध्यम वर्ग के लिए राहत

🔛नए नियमों के तहत निम्न और मध्यम वर्ग के लोग सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।

🔛₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं: यह सीमा पहले केवल ₹7 लाख थी।

🔛₹4 लाख तक की आय पर छूट: पहले यह सीमा ₹3 लाख थी।

Compliance में आसानी

  • नए नियमों ने कर प्रणाली को सरल बनाने का प्रयास किया है। अब छोटे व्यापारियों और प्रोफेशनल्स के लिए Presumptive Taxation Scheme का लाभ उठाना आसान हो गया है।

डिजिटल डेटा पर निगरानी

  • Section 247 के तहत अब डिजिटल डेटा जैसे ईमेल सर्वर, सोशल मीडिया अकाउंट्स और ऑनलाइन बैंकिंग डेटा की जांच करना आसान हो गया है। इससे कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी।

Presumptive Taxation Scheme

  • Presumptive Taxation Scheme में भी बदलाव किए गए हैं ताकि छोटे व्यवसायों और प्रोफेशनल्स को लाभ मिल सके।

व्यापारियों के लिए:

💥टर्नओवर सीमा: ₹2 करोड़ से बढ़ाकर ₹3 करोड़ (यदि नकद लेन-देन कुल टर्नओवर का 5% से कम हो)।

प्रोफेशनल्स के लिए:

💥सीमा: ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹75 लाख।

💥आय घोषणा: कुल प्राप्तियों का 50%।

पुराने और नए टैक्स सिस्टम का तुलना

पहलू

पुरानी प्रणाली

नई प्रणाली

टैक्स फ्री सीमा

₹3 लाख

₹4 लाख

अधिकतम रिबेट

₹25,000

₹60,000

स्टैंडर्ड डिडक्शन

उपलब्ध

उपलब्ध

स्लैब दरें

अधिक जटिल

सरल

Inkam tex new rules Faq

नए आयकर नियमों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न (FAQ) इस प्रकार हैं:

1.नए आयकर नियम क्या हैं?
  • वित्त वर्ष 2023-24 से प्रभावी नए आयकर नियमों का उद्देश्य कर संरचना को सरल बनाना और अनुपालन बोझ को कम करना है।
2. नए आयकर नियमों में मुख्य परिवर्तन क्या हैं?
  • मुख्य परिवर्तनों में कम कर दरों वाली नई कर व्यवस्था, छूट और कटौती को समाप्त करना और कर स्लैब में बदलाव शामिल हैं।
3 नए कर दरें और स्लैब क्या हैं?
  • नई कर व्यवस्था में छह कर स्लैब हैं: 0-3 लाख (0% कर), 3-6 लाख (5% कर), 6-9 लाख (10% कर), 9-12 लाख (15% कर), 12-15 लाख (20% कर), और 15 लाख से ऊपर (30% कर)।
4 नई कर दरें और स्लैब मुझे कैसे प्रभावित करते हैं?
  • नई कर दरें और स्लैब कुछ व्यक्तियों के लिए कर बचत का परिणाम हो सकते हैं, जबकि अन्य को बढ़ी हुई कर देनदारियों का सामना करना पड़ सकता है।
❔5 कौन सी छूट और कटौती समाप्त कर दी गई हैं?*
  • नई कर व्यवस्था ने मानक कटौती, गृह किराया भत्ता और अवकाश यात्रा रियायत सहित अधिकांश छूट और कटौती समाप्त कर दी हैं।

Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। Income Tax Bill 2025 अभी संसद में पारित नहीं हुआ है और इसे लागू होने में समय लग सकता है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ सलाह लें.

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